New Delhi: अगर हम चीन के साथ व्यापार बंद कर दें तो इससे चीन को बहुत बड़ा झटका लगेगा. भारत चीन से बहुत बड़ी मात्रा में उत्पादों का आयात करता है. चीन ने एक बार फिर अपना चरित्र दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी लिस्ट में शामिल होने से बचा लिया. चीन ने फैसले से ऐन पहले स्थायी सदस्य होने के नाते अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल किया और प्रस्ताव को होल्ड पर डलवा दिया. मसूद अजहर के खिलाफ ये प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने दिया. चीन ने इस कदम के साथ दुनिया भर में अपनी किरकिरी करवाई है. अमेरिका ने तो खुलेआम चीन को लताड़ भी लगाई है.
जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर चीन के पाकिस्तान का समर्थन करने से खफा खुदरा व्यापारियों ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का ऐलान किया है। खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट ने कहा है कि वह चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए एक सितंबर को राष्ट्रीय स्तर के अभियान की शुरुआत करेगा।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस मामले में 29 अगस्त को व्यापारियों के नेताओं के एक सम्मेलन का आयोजन दिल्ली में किया जाएगा। इस सम्मेलन में आगे की रणनीति तय की जाएगी। बता दें कि चीन की तरफ से संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की भारतीय कोशिशों में लंबे वक्त से अड़ंगा लगाया जा रहा था। उस वक्त भी भारतीय व्यापारी वर्ग की तरफ से चीनी प्रोडक्ट के बहिष्कार का ऐलान किया गया था। इसके बाद भारत की तमाम कोशिशों के बाद चीनी सही रास्ते पर लौटा और मसूद अजहर का नाम ब्लैक लिस्ट में डालने में भारत का समर्थन किया। मसूद अजहर पर भारत में कई बड़े आतंकी हमले कराने का आरोप है। इनमें संसद पर हमला, पुलवामा हमला और पठानकोट हमला मुख्य रूप से शामिल हैं। पुलवामा में आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश-ए-मोहम्मद का आका मुखिया मसूद अजहर ही है।
भारत और चीन के बीच कितना व्यापार?
साल 2017-18 में भारत और चीन के बीच 5 लाख 78 हजार करोड़ का व्यापार हुआ. इसमें भारत ने चीन में 85,994 करोड़ का निर्यात किया. जबकि चीन से भारत में 4 लाख 92 हजार करोड़ रुपये का आयात किया गया. इसका मतलब है कि बंद करने पर चीन को करीब पांच लाख करोड़ रुपये का घाटा होगा. इस सब के बीच बड़ा सवाल ये भी है कि क्या ये मुमकिन है कि भारत चीन के सभी तरह के उत्पादों का बहिष्कार कर सके? इसका जवाब है कि ये संभव नहीं है. आसान शब्दों में कहें तो भारत आज हर तरह की जरूरत के लिए एक तरह से चीन पर निर्भर है, फिर चाहे वो खिलौने हों, टिशू पेपर हों, कॉफी हो, चाय हो या मसाले.