आज कल हमारे देश में अज़ान को लेकर काफी राजनीति हो रही है और ऐसा करने वालों को दरअसल अज़ान की आवाज़ से नहीं बल्कि अज़ान की रवायत से तकलीफ है. अज़ान का इतिहास इस्लाम के साथ आने से रहा है और अगर बात की जाए भारत की तो हमारे देश की पहचान दुनिया भर में गंगा जमुनी वाली तहजीब की रही है और इतिहास रहा है कि गंगा के पानी से लोग यहाँ पर वजू करते रहे हैं.
लेकिन फिलहाल देश का माहौल जैसा है वैसा है लेकिन अज़ान को हमारे देश में किसी को भी परेशानी नहीं रही है. बहरहाल, अज़ान को सुन कर लोगों को सुकून मिलता है और ऐसा सिर्फ मुस्लिमों को ही नहीं बल्कि गैर मुस्लिमों के साथ भी ऐसा होता रहा है. आज हम आपको सऊदी अरब के खाने काबा में दी जाने वाली अज़ान सुनाने जा रहे हैं.
शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे वहां की अज़ान सुनकर सुकून न मिलता हो. फिलहाल सऊदी अरब गए दुनिया भर से हाजी अब वापस अपने देश लौट रहे हैं लेकिन इसके साथ ही वह अपने साथ उन यादों को लिए जा रहे हैं जिन्हें शायद कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है.
मक्का की याद हमेशा से लोगों के दिलों में ताज़ा रहती है जो एक बार भी वहां चला जाता है चाहे हज करने या फिर उमरा करने. वहां की अज़ान भी लोगों को काफी पसंद आती है.
बेहद मीठी और तरन्नुम के साथ दी जाती हैं वहां पर अज़ान जिसे सुनकर काफी अच्छा लगता है और लोगों को सुकून मिलता है. यह अज़ान सुनकर आप खुद ही अंदाज़ा लगा लीजिये कि क्या इस दुनिया में कोई ऐसा शख्स होगा जिसे अज़ान की आवाज़ से दिक्कत होती होगी. हमें तो नहीं लगता कि किसी को परेशानी होगी अगर किसी को अपनी सियासी रोटियां नहीं सकेनी हो तो.